अग्निपथ...अग्निपथ...अग्निपथ

मैं ज़िन्दगी से हार कर या डर कर भागने वालों में से नहीं हूँ मगर कभी जीवन में कुछ मोड़ ऐसे आते है जब आप सब कुछ समझकर भी खुद से ये निर्णय नहीं ले पाते की आप जो करने जा रहे है उसका असर क्या होगा  , मैं दुनिया से लड़ सकता हूँ जीत सकता हूँ मगर जब लड़ाई अपने आप से हो तो जीत या हार मायने नहीं रखती , मालूम नहीं आगे क्या होगा मगर इतना तो सच है की ज़िन्दगी वैसी नहीं चल रही जैसी चलनी चाहिए या शायद मेरा तरीका गलत है , सच सिर्फ ईश्वर जानता है मार्गदर्शन भी उनसे ही माँगा है.....
चाँद से नजदीकियां बढ़ने लगी है, आदमी में फासला था, फासला है..