जिस व्यक्ति ने अपना जीवन देश की आजादी के लिए होम कर दिया, कालापानी की सजा काटी, वह राहुल गांधी के लिए हास्य का विषय हो सकता है, देश के लिए नहीं.
कांग्रेस के नाकाम पूर्व अध्यक्ष 'रेप इन इंडिया' के विवादित जुमले पर माफी की मांग को नकारते हुए ये ऊंचे बोल बोल गए. राहुल गांधी जब बोलते हैं, तो लोग उसमें हास्य ढूंढते हैं. राहुल गांधी की स्थिति राजनीति के विदूषक जैसी हो चुकी है. लेकिन इस बार राहुल गांधी सच बोल गए. वह सच में विनायक दामोदर सावरकर नहीं हो सकते. उनकी परछाई तक नहीं हो सकते. जहां तक रेप इन इंडिया के जुमले की बात है, क्या राहुल गांधी ये स्पष्ट करेंगे कि कांग्रेस शासित राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब आदि राज्य बलात्कार की घटना से मुक्त हैं.
दुनिया में सबसे जघन्य नरसंहार भारत के विभाजन के समय हुआ था. राहुल गांधी के नाना जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री पद की लालसा में भारत के विभाजन को स्वीकार किया था. बिना किसी तैयारी, बिना हिंदू और मुस्लिम आबादी के स्थानांतरण की योजना देश बांट लिया गया. हत्याएं हुईं. हिंदू महिलाओं से पाकिस्तान की सड़कों पर बलात्कार हुए. राहुल गांधी जी 'रेप इन पाकिस्तान' का भी जिक्र कीजिए, जिसके प्रायोजक आपके नाना थे. राहुल गांधी कभी नहीं बताएंगे कि जिस समय पाकिस्तान की सड़कों पर कत्लो गारत हो रहा था. बहन बेटियां अपनी इज्जत बचाने के लिए कुए में कूद रही थी, कांग्रेसी देश की राजधानी दिल्ली में सत्ता मिलने पर लड्डू बांट रहे थे.
कांग्रेसियों के कारनामे सुनिए और फिर बताए रेप इन इंडिया क्या वास्तव में कांग्रेस की देन है. भंवरी देवी के राजस्थान के मंत्री महिपाल मदेरणा के साथ संबंध थे और वो इसकी एक सीडी बनाकर मंत्री को ब्लैकमेल कर रही थी. बाद में उसका अपहरण कर हत्या कर दी गई. बाद में राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक विधायक के भाई को गिरफ्तार किया. साल 2011 राजस्थान में अशोक गहलोत की कुर्सी हिला देने वाला भंवरी देवी कांड की वजह कांग्रेस की जमकर फजीहत हुई थी.
राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं. यहां उनके एक खास सिपहसालार ने एक नाबालिग आदिवासी लड़की का करीब एक साल तक बलात्कार किया. कांग्रेस नेता का नाम ओएम जॉर्ज है. 1995 में नैना साहनी का कत्ल कांग्रेस के नेता सुशील शर्मा ने किया. फिर लाश को टुकड़े करके तंदूर में जला डाला.
कांग्रेस सरकार में मंत्री गोपाल कांडा से कौन परिचित नहीं है. राहुल गांधी को ये भी याद रखना चाहिए कि 2012 में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में ही देश का सबसे वीभत्स निर्भया बलात्कार एवं हत्याकांड अंजाम दिया गया था. लिस्ट बहुत लंबी है. किसी जुमले को उछालते समय एक राष्ट्रीय और राजनीतिक मर्यादा होती है. लेकिन राहुल गांधी से ऐसी अपेक्षा बेमानी है. जिनके खास सलाहकार दिग्विजय सिंह का ये मत हो कि मंदिरों में बलात्कार होते हैं, तो राहुल गांधी से इन लाइनों की उम्मीद लाजिमी है कि लोग मंदिर में लड़कियां छेड़ने जाते हैं. इसलिए उन्होंने सही कहा कि वह राहुल सावरकर नहीं हो सकते.
राहुल गांधी सावरकर क्यों नहीं हो सकते?
इसलिए नहीं हो सकते क्योंकि सावरकर की वीरता, महानता और राष्ट्र के लिए त्याग पर जितना लिखा जाए, कम है. वह राहुल गांधी की तरह विरासत में सत्ता लेकर पैदा नहीं हुए थे. 28 मई 1883 को नासिक के भगूर गांव में वीर सावरकर का जन्म हुआ.
आजादी के मतवाले सावरकर ने पहला कदम एक गुप्त सोसाइटी बनाकर उठा. जिसका नाम 'मित्र मेला' था. 1905 के बंग-भंग के बाद उन्होंने पुणे में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई. याद रखिएगा कि सावरकर उस समय छात्र थे. सावरकर देश के बौद्धिक पटल पर छा चुके थे. तमाम प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनके लेख प्रकाशित होने लगे थे. सावरकर न होते, तो हम 1857 की आजादी की पहली जंग का सच नहीं जान पाते.
1909 में उन्होंने 'द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857' लिखी. इस किताब के जरिए उन्होंने 1857 की क्रांति को भारत की आजादी का पहला संग्राम घोषित किया. सावरकर के विचारों से अंग्रेज इतना डर चुके थे कि 1911 में उन्हें कालापानी भेजा गया. वह 1921 में रिहा हुए. इसके बाद फिर 3 साल जेल में रहे. जेल में उन्होंने हिन्दुत्व पर किताब लिखी. यह किताब राष्ट्रवादी भारतीय विचारधारा के केंद्र बिंदु का काम करती है. जिस व्यक्ति ने अपना जीवन देश की आजादी के होम कर दिया, कालापानी की सजा काटी, वह राहुल गांधी के लिए हास्य का विषय हो सकता है, देश के लिए नहीं. जी हां, राहुल गांधी आप सावरकर कभी नहीं हो सकते...