यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जन्मदिन

 प्रतिष्ठा के बिखरे मोती

एक एक करके पिरोता जा रहा है
उस महाशक्ति के प्रयास देखो
असम्भव शुभ शुभ होता जा रहा है
माह सावन का हो या हो कार्तिक का
नित्य क्षमाशील होने की दरिद्रता को
कालखंड में डुबोता जा रहा है

वह कोई पुण्यात्मा है या
है उसके पास ईश्वर का प्रसाद कोई
सनातन की पहचान की खोज में
न बचने पाए किसी मस्तिष्क में अवसाद कोई
हीन भावना अपने प्रति अविरल अब तक बनी रही
ऐसी निर्मम हर धारा को सोख ले
न बचने पाए उसके होते हुए विषाद कोई

मन सबल है व इच्छा प्रबल है
किंचित तृष्णा मात्रभूमि की मिटा रहा
संतानों के मन में भक्तिभाव जगा
कुंठा हटा मूरत राम की बिठा रहा
कोई संशय शेष रहे न
आत्मीयता के अतिरिक्त कुछ विशेष रहे न
मेघ दुर्भावना के वह पूजन से हटा रहा

अनहोनी के सर्वत्र नाश में
वह समर्थन से विरक्त हो न कभी
संकेतों में त्याग सिखलाता है
वह शासन में आसक्त हो न कभी
आशापुंज कौटिल्य सदृश चेष्टाओं से बंध जो गया
वह भूजननी के शौर्य की पहचान बन गया है
अब परिपालन से वह उन्मुक्त हो न कभी

70 वें जन्मदिवस की अनन्त शुभकामनाएं।