राजस्थान के जिलों के नामों को
ध्यान से देखना , इन नामों में एक भी
जिले का नाम मुगलो
पर नही है!!
राजपूतो ने क्या किया!!
#अजमेर:- अजमेर 27 मार्च1112 में चौहान राजपूत
वंश के तेइसवें शासक अजयराज चौहान
ने बसाया!
#बीकानेर:- बीकानेर का पुराना नाम
जांगल देश, राव बीका
जी राठौड़ के नाम से
बीकानेर पड़ा!
#गंगानगर:- महाराजा गंगा सिंह जी
से गंगानगर पड़ा!
#जैसलमेर:- जैसलमेर ,महारावल जैसलजी भाटी ने बसाया!
#उदयपुर: - महाराणा उदय सिंह सिसोदिया
जी ने बसाया उनके
नाम से उदयपुर पड़ा!
#बाड़मेर:- बाड़मेर को राव बहाड़
जी ने बसाया!!
#जालौर:- जालौर की नींव 10वी शताब्दी में परमार राजपूतों के द्वारा रखी गई बाद में चौहान,राठौड़,सोलंकी राजवंश का शाशन रहा
#चित्तौड़:- स्वाभिमान, शौर्य ,त्याग, वीरता ,राजपुताना की शान चित्तौड़,
सिसोदिया(गहलोत)वंश ने बहुत
शासन किया बप्पा रावल,
महाराणा प्रताप सिंह जी ने यहाँ
शासन किया
#प्रतापगढ़:- प्रताप सिंह महारावत ने
बसाया!
#सिरोही:-राव सोभा जी
के पुत्र, शेशथमल ने सिरानवा हिल्स
की पश्चिमी ढलान पर वर्तमान
शहर सिरोही की स्थापना की
थी। उन्होंने वर्ष 1425 ईसवी में वैशाख
के दूसरे दिन (द्वितिया) पर
सिरोही किले की नींव
रखी।
#डूंगरपुर:- वागड़ के राजा डूंगरसिंह ने ई.1358 में डूंगरपुर नगर की स्थापना की बाबर के समय में उदयसिंह वागड़ का ने मेवाड़ के महाराणा के संग्रामसिंह के साथ मिलकर खानुआ के मैदान में बाबर का मार्ग रोका था
#जोधपुर:-राव जोधा ने
12 मई, 1459 ई. में आधुनिक
जोधपुर शहर की स्थापना
की।
#हनुमानगढ़ :-भटनेर दुर्ग 285 ईसा में भाटी
वंश के राजा भूपत
सिंह भाटी ने बनवाया
इस लिए इसे भटनेर
कहाँ जाता है। मंगलवार
को दुर्ग की स्थापना होने
कारण हनुमान जी के नाम
पर हनुमानगढ़ कहा जाता है।
#सीकर:-सीकर जिले को
"वीरभान" ने बसाया ओर
"वीरभान का बास" सीकर
का पुराना नाम दिया।
#राजसमंद:- शहर और जिले का नाम मेवाड़ के राणा राज सिंह द्वारा 17 वीं सदी में निर्मित एक कृत्रिम झील, राजसमन्द झील के नाम से लिया गया है।
#पाली:- महाराणा प्रताप की जन्मस्थली एवं
महाराणा उदयसिंह का ससुराल है।
पाली मूलतया पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया है।
#बूंदी:-इतिहास के जानकारों के
अनुसार 24 जून 1242 में हाड़ा वंश
के राव देवा ने
इसे मीणा सरदारों से
जीता और बूंदी राज्य
की स्थापना की। कहा जाता
है कि बून्दा मीणा
ने बूंदी की स्थापना की
थी, तभी से इसका
नाम 'बूंदी' हो गया।
#भीलवाड़ा:-किवदंती है कि इस
शहर का नाम यहां
की जनजाति भील के नाम
पर पड़ता है जिन्होंने
16वीं शताब्दी में अकबर
के खिलाफ मेवाड़ के राजा महाराणा
प्रताप की मदद की
थी तब से इस
जगह का नाम भीलवाड़ा
पड़ गया
#सवाई_माधोपुर:-राजा माधोसिंह ने ही शहर बसाया और इसका नाम सवाई माधोपुर दिया
#जयपुर:-जयपुर शहर की स्थापना
सवाई जयसिंह ने 1727 में की। सवाई
प्रताप सिंह से लेकर
सवाई मान सिंह द्वितीय
तक कई राजाओं ने
शहर को बसाया।
#झालावाड़:-झालावाड़ गढ़ भवन का निर्माण राज्य के प्रथम नरेश महाराजराणा मदन सिंह झाला ने सन 1840 में करवाया था।
#नागौर:-नागौर दुर्ग भारत के प्राचीन
क्षत्रियों द्वारा बनाये गये दुर्गों में
से एक है। माना
जाता है कि इस
दुर्ग के मूल निर्माता
नाग क्षत्रिय थे। नाग जाति
महाभारत काल से भी
कई हजार साल पुरानी
थी। यह आर्यों की
ही एक शाखा थी
तथा ईक्ष्वाकु वंश से किसी
समय अलग हुई।
#अलवर:-कछवाहा राजपूत राजवंश द्वारा शासित एक रियासत थी,
जिसकी राजधानी अलवर नगर में
थी रियासत की स्थापना 1770 में
प्रभात सिंह प्रभाकर ने
की थी
#धौलपुर:-मूल रूप से
यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी
में राजा धोलन देव
ने बसाया था। पहले इसका
नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर
इसका नाम धौलपुर में
बदला
#दौसा:- बड़गूजरों द्वारा करवाया गया था। बाद
में कछवाहा शासकों ने इसका निर्माण
करवाया।
#टोंक:- 16 वी शताब्दी में टोडा रियासत के रूप में जाना जाता था राव जग्गनाथ गद्दी ओर विराजमान था उसके बाद नाम बदलने तक के अलग अलग किस्से है
राजपूतों
ने हमेशा शत्रुओं को पछाड़ा है,
ना कभी किसी से
हारे हमेशा विजय रहे, अपने
क्षत्रिय धर्म पर अटल
रहे!
कुछ युद्ध हारे है। जो
नगण्य है!